आदिशक्ति के नाम से शराब दुकान, सनातन के नाम से खिलवाड़
कोरबा,जिले की आदिशक्ति माता सर्वमंगला जिनका नाम लेकर पूरे जिले सहित पूरा राज्य नतमस्तक रहता है जिले का हर शुभ काम उनके नाम के बिना संपन्न नहीं होता।विडंबना यह है कि यदि किसी और धर्म या समुदाय के आराध्य देवी देवता के नाम पर मदिरा दुकान होती तो पता नहीं क्या होता पर जिले धर्म के ठेकेदार जो हसदेव आरती, साईं कि पलकी,विश्व हिंदू परिषद,धर्मसेना,क्रांतिसेना संगठन आदि उनके आंखों से ये नहीं दिखता कि आदिशक्ति का अपमान जिला आबकारी विभाग द्वारा किया जा रहा है । इसमें आबकारी विभाग से जुड़े कर्मचारी का क्या लेना देना है ये वही जाने किंतु उक्त शराब दुकान में जितने भी अवैध काम है प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है साथ ही अधिकारियों की मदद से अवैध शराब को बढ़ावा एवं मिलावट का खेल को बदस्तूर जारी रखा है। कहावत यह चरितार्थ चोरी ऊपर से सीना जोरी , शराब उपभोक्ता को खुली धमकी दी जाती है कि जहां शिकायत करना है कर दो, 90 का दारू पीने वाला मजदूर मुंह मामोस कर रह जाता है जिसका फायदा भट्ठी में कार्यरत कर्मचारियों को मिलता है
चाहे सरकार कोई भी हो शराब में घोटाला और मिलावटखोरी जारी है। आज ऐसा ही वाकिया सर्वमंगला कंबोजित देसी, विदेशी दुकान में मिला जहां पदस्थ सुपरवाइजर शेखर एवं अविनाश द्वारा मिलावटी दारू के साथ शुष्क दिवस जैसे मौके ,26 जनवरी गणतंत्र दिवस,30 जनवरी महात्मा गांधी जयंती में सर्वमंगला देशी और अंग्रेजी शराब को काउंटर से निकाल कर बेचने की शिकायत प्राप्त हो रही थी,वहीं चुनावी माहौल में आबकारी अधिकारियों के साठगांठ से विभिन्न वार्डो में जिसमें खास तौर पर आजाद नगर ,सर्वमंगला नगर में अवैध रूप से प्लेन मदिरा की पेटी पर पांच सौ, मसाला के एक पेटी के ऊपर सात सौ और अंग्रेजी मदिरा गोवा और अन्य पर एक हजार रूपये का अतिरिक्त पैसा लेने की जानकारी प्राप्त हुई है।
मिलावट के मामले में सर्वमंगला देशी शराब, अंग्रेजी शराब दुकान सहित जिले के कई दुकानों से शिकायत प्राप्त हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार अनेक मदिरा प्रेमी ने शिकायत करते हुए बताया कि आए दिन सर्वमंगला भट्ठी में इस प्रकार की बाते होती रहती है। जहां शेखर नामक व्यक्ति काउंटर में बैठ कर देशी शराब में मिलावट करता है।शिकायत करने की बात पर उपभोक्ताओं को धमकी देते हुए कहता है कि जहां शिकायत करना है कर दो पैसा से सब मैनेज हो जाता है। इस मामले में जब सहायक्त आयुक्त आबकारी से बात की तो उन्होंने जांच कर कार्यवाही करने की बात कहीं अब देखना है कि किस प्रकार की जांच होती है या किस प्रकार का नजराना उक्त कंपोजिट दुकान से लिया जाता है। बहरहाल उपभोक्ताओं को मिलावटखोरों
से कितना राहत मिलता है यह भविष्य के गर्भ में है।