खदान में चलती डंपर में लगी आग-ऑपरेटर झुलसा, दो अन्य लोग भी चपेट में

कोरबा, सार्वजनिक क्षेत्र के वृहद उपक्रम कोल् इंडिया के अधीन संचालित एसईसीएल बिलासपुर की कोरबा-पश्चिम क्षेत्र में स्थापित खुले मुहाने की गेवरा कोयला परियोजना अंतर्गत एसईसीएल की मेगा प्रोजेक्ट एसईसीएल की खुली खदानों में भारी-भरकम मशीनों में आग लगने की घटना थम नहीं रही है। पुनः शुक्रवार को कुसमुंडा खदान में चलती डंपर में आग लगने की घटना के बाद ऑपरेटर झुलस गया। उसे शहर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से डंपर ऑपरेटर को जिले से बाहर अन्यत्र अस्पताल रेफर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार डंपर ऑपरेटर ओ.पी. यादव जब तक डंपर से उतरकर अपने आपको सुरक्षित कर पाता, वह आग की चपेट में आकर झुलस गया। पुलिस ने बताया कि कुसमुंडा थाना को प्राप्त मेमो के अनुसार कुसमुंडा खदान में डंपर में आग लगने की दुर्घटना की जानकारी मिली है। हादसे में डंपर ऑपरेटर ओ.पी. यादव के आग की चपेट में आकर झुलसने से उसे शहर के निजी अस्पताल ले जाया गया, उसकी हालत देखते हुए दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया है। डंपर ऑपरेटर के अलावा दो अन्य भी डंपर में आग लगने की घटना के दौरान सवार थे, इसमें एक आदमी नगर पालिक निगम कोरबा में पार्षद हैं, वहीं दूसरा कोयला कारोबारी बताया जा रहा है।
इस विषय में ना तो पुलिस और ना ही एसईसीएल के अधिकारी कुछ बता रहे है। चूंकि खदान एरिया प्रतिबंधित क्षेत्र होता है, ऐसे में अनाधिकृत व्यक्ति के खदान के भीतर घुसे डंपर में सवार होकर जाने से कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। खदान में कड़ी सुरक्षा के बावजूद डंपर में बाहरी लोगों के माइंस के भीतर प्रवेश चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में एसईसीएल की एरिया प्रबंधन भी चुप्पी साध रखी है।






