राताखार क्षेत्र में मकड़ियों की जाल की तरह फैला है गैर कानूनी तरीके से कबाड़ियों का व्यापार …


0 आखिर अधिकारी और कर्मचारी कार्यवाही करने में क्यों करतीं है आनाकानी
कोरबा ,जिला मुख्यालय के कुछ ही दूरी में स्थित राताखार क्षेत्र में इन दिनों वाले धड़ल्ले से कबाड़ी का व्यापार फल फूल रहा है। एक तरफ जिलेभर में कबाड़ी सामान के खरीद-फरोख्त पर जिला प्रशासन द्वारा पाबंद लगाई गई है, किंतु यह पाबंद प्रशासन द्वारा सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। असल में इस अवैध कारोबार के खुलेआम होने का स्पष्ट राताखार क्षेत्र में देखा जा सकता है। खुलेआम इन दिनों राताखार सहित अन्य जगहों पर आज भी प्रशासन के नीति-नियम और आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
वहीं प्रशासन जान-बूझकर अनजान बनते हुए खामोश बने बैठा हुआ है। जबकि प्रशासन को चाहिए कि तत्काल इस पर संज्ञान लेकर अपनी जिम्मेदारी का परिचय नगरवासियों व क्षेत्रवासियों को अवगत कराएं। क्योंकि जिले में कुछ वर्ष पूर्व लगातार हो रही चोरी व अन्य आपराधिक गतिविधियों को ध्यान में रखकर ही यह प्रतिबंध जिला प्रशासन की ओर से जारी किया गया था।
लेकिन आज जिस तरह राताखार में धड़ल्ले से कबाड़ी का व्यापार-कारोबार व व्यवसाय फल फूल रहा है, जिसे लेकर शुभचिंतक व जिम्मेदार वर्ग के नागरिक काफी चिंतित होने लगे हैं।
जिले के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने सभी थाना चौकिया को कबाड़ का अवैध कारोबार बंद करने के सख्त सख्त निर्देश दिए हैं बावजूद इसके सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के राताखार में कबाड़ का कारोबार फल फूल रहा है कबाड़ से जुड़े लोग बेखौफ होकर दुकान संचालित कर खरीदी बक्री कर रहे हैं

0 प्रशासन का नहीं है खौफ
गौरतलब है की इस गोरख व्यापार के पीछे छोटे से लेकर बड़े अधिकारी-कर्मचारी की मिली भगत का आश लगता है। जानकारों की मानें तो तीन-चार कबाड़ी वाले ज्यादा सक्रिय हैं, जिन्हें प्रशासन का कोई खौफ नहीं है। यही कारण है कि यह कबाड़ी दिन भर शासन-प्रशासन और जनता को चूना लगा रहे हैं। इस बात से जनता काफी परेशान हैं। क्योंकि सार्वजनिक जगहों से जरूरत की चीजों को क्षति तो पहुंचाया ही जाता है। साथ ही लोगों की निजी सम्पत्तियों की भी चोरी हो जाती है, जो चोरों द्वारा कबाडिय़ों को ही बेचा जा रहा है।
0 अंदरूनी मौन सहमति मिली है
उल्लेखनीय है कि नगर में कबाड़ व्यवसाय पर अंकुश नहीं लग पा रही है, जिससे लोगों के नवनिर्मित भवनों, सार्वजनिक स्थलों में लोग अपनी जरूरत की चीजों पर हाथ-साफ करने में इन दिनों चोर और कबाड़ी दोनों सक्रिय हैं, जिसके कारण चोर लोहे, तांबे और प्लास्टिक के सामानों को चुरा कर कबाडिय़ों को आसानी से बेच देते हैं। नगर में सार्वजनिक जगहों में लगे लोहे की चीजों को काटकर क्षति पहुंचाया जा रहा है। उनके इस कार्य में अंकुश न लगने पर ऐसा प्रतित होता है कि शायद पुलिस प्रशासन की अंदरूनी मौन सहमति मिली हुई है। यही कारण है कि पुलिस के नाक के नीचे कबाड़ी धड़ल्ले से काम को अंजाम देते हैं।
0 कोर्ट कचहरी का चक्कर काटने से डर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यदि कबाड़ियों के ठिकानों पर पुलिस कार्यवाही करने जाती है तो उन्हें कोर्ट कचहरी का चक्कर काटना पड़ता है यही वजह है कि हालांकि पुलिस कार्रवाई करने जरूर जाती है लेकिन आधे रास्ते से ही वापस लौटना पड़ता है और अधिकारियों को बताया जाता है कि मौके से कुछ सामान बरामद नहीं हुआ है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कबाड़ियों के हौसले कितने बुलंद है