कोरबा

मनुष्य बाहरी आवरण को दमकाने के बजाय आत्मा को पुष्ट करने के लिए करें अच्छा कार्य-आचार्यश्री मृदुलकांत शास्त्री

कोरबा, आशीर्वाद प्वाइंट, पं. दीनदयाल सांस्कृतिक भवन टीपी नगर कोरबा में कबुलपुरिया परिवार द्वारा पितृमोक्षार्थ गया श्राद्ध निमित्त श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह महोत्सव के पांचवें दिन भागवत भूषण आचार्यश्री मृदुलकांत शास्त्री ने अपने सारगर्भित प्रवचन में भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला का अनुपम वर्णन करते हुए कहा कि श्री कृष्ण- मइय्या यशोदा जैसी दिव्य सुंदरता पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलेगी। श्याम वर्ण होने के कारण ही उनका नाम श्याम सुंदर पड़ा। काला रंग होने के कारण उन्हें श्याम भी कहा जाता है।

आज जहां देखो काले रंग को गोरा रंग में बदलने के लिए व्हाईट टोन जैसी क्रीम का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाहरी आवरण को दमकाने के बजाय मन और आत्मा को पुष्ट करने के लिए अच्छा कार्य करें। अच्छे मनुष्य की पहचान रंग रूप से नहीं बल्कि उनके अच्छे गुणों के कारण होती है। उन्होंने कहा कि श्याम रंग होने के बाद भी पूरी दुनिया में भगवान कृष्ण जैसा सुंदर कोई नहीं। बाल लीला का अनुपम प्रहसन सुनाते हुए आचार्य श्री ने कहा कि कृष्ण को जरा भी घमंड नहीं था और विनम्र होकर उन्होंने कंस जैसे महाबलशाली को भी मार दिया। विनम्रता ही बड़े लोगों की पहचान होती है, इसलिए विनम्र बनो और ऐसा कार्य करें, जिससे देश, समाज और मानव जाति को लाभ मिले।

आचार्यश्री के श्रीमुख से कृष्ण की बाल लीलाओं की कथा सुनकर श्रोतागण ऐसे आल्हादित हुए, जैसे भगवान श्री कृष्ण स्वयं नजरों के सामने बाल लीला कर रहे हैं। माता यशोदा का वात्सल्य प्रेम देखकर उपस्थित माताएं भी संतान प्रेम से रोमांचित हो रहे थे। उन्होंने किस तरह इंद्र का घमंड तोडक़र गोवर्धन पहाड़ को महिमामंडित किया, इसकी भी कथा सुनायी। कथा समाप्ति के बाद भगवान कृष्ण को छप्पन भोग अर्पण किया गया और छप्पन भोग महोत्सव मनाया गया। खास तौर पर माखन चोर को माखन खिलाया गया। कथा समाप्ति के पूर्व मटका फोड़ का प्रहसन आया और बाल कृष्ण के रूप में सजाए गए बालक से मटकी फोड़वाया गया और श्रोतागण संगीत की धून पर थिरकते रहे।

बाल कृष्ण, गोवर्धन पर्वत की झांकी लोगों को आई पसंद

आज बाल कृष्ण लीलाओं का वर्णन किया गया, गोवर्धन पर्वत की महत्ता बतायी गई और झांकी में गोवर्धन पूजा करते कृष्ण को दिखाया गया। भगवान बाल कृष्ण को छप्पन भोग लगाते हुए झांकी ने सभी का मन मोह लिया और ये झांकी सबको पसंद आयी। मटकी फोड़ का लाईव देखकर सब रोमांचित भी हुए।

कथा श्रवण करने पहुंची सांसद ज्योत्सना

श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत कथा स्थल पहुंची और ब्यास पीठ में विराजमान आचार्यश्री मृदुलकांत शास्त्री से आशीर्वाद लिया और आचार्यश्री ने उन्हें नारियल भेंट कर गमछा भी समर्पित किया और उनका अभिनंदन किया। श्रीमती महंत बैठकर घंटों तक श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण किया। उनके साथ महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्यामसुंदर सोनी, हरिश परसाईं, श्रीमती सपना चौहान, श्रीमती उषा तिवारी, संतोष राठौर सहित अन्य कांग्रेसी भी उनके साथ कथा श्रवण किया।

Ramesh Verma

Mob. 9144488800, 9685187361

Related Articles

Back to top button