कोरबा

बाउंस चेक 6 माह का कारावास की सजा

कोरबा, जिले में स्थित बैंकों से उधार रकम लेने के बाद उसकी अदायगी के लिए लोगों द्वारा बाउंस चेक दिए जाने का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मामले में बैंक अदालत की शरण लेते हैं जहां से दोष सिद्ध होने पर कथित आरोपियों को सजा सुनाई जाती है। ऐसे ही मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटघोरा की अदालत में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक से उधार लेने के बाद बाउंस चेक देने वाले एक युवक को 6 माह कारावास की सजा के साथ अर्थदंड भी रोपित किया हैं।
जानकारी के अनुसार एक युवक ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की गेवरा शाखा से जनरल स्टोर संचालन के लिए 21 मार्च 2016 को 25 हजार रुपए का लोन लिया था। नियमानुसार उसे उसकी अदायगी करनी थी, लेकिन ऋण की अदायगी नियमानुसार समय पर नहीं किए जाने की वजह से उसका ऋण खाता 28 मार्च 2017 से एनपीए की श्रेणी में आ गया। बैंक द्वारा बार-बार निवेदन किए जाने पर उसने अपने ऋण खाता में जमा किए जाने के लिए परिवादी बैंक को चेक क्रमांक 752711 राशि 33 हजार 271 रुपए प्रदान किया। बैंक द्वारा जब उक्त चेक को आहरण हेतु खाता में जमा किया गया तो युवक के एकाउंट में पर्याप्त राशि नहीं होना दिखाया गया। जिसकी विधिक सूचना बैंक द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी युवक को दिया गया। इसके पश्चात् भी वह रकम चुकाने में असफल रहा। जिस पर बैंक प्रबंधन ने मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटघोरा की अदालत में ले जाते हुए वाद दायर कर दिया। जहां मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश पंकज दीक्षित द्वारा युवक को चेक बाउंस मामले में दोषी पाते हुए 6 माह साधारण कारावास एवं 66 हजार रुपए बैंक को अदा करने की सजा सुनाई गई। समय पर बैंक को रकम न लौटाने पर अभियुक्त को तीन महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई गई।

Ramesh Verma

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