कोरबा

पेट दर्द को नजरअंदाज करते बढ़ने लगी तकलीफ, 4 किलो वजनी ट्यूमर निकालकर एनकेएच ने बचाई जिंदगी

0 डॉ. ज्योति श्रीवस्तव व टीम ने की गर्भस्थ शिशु का आकार ले चुके ट्यूमर की सफल सर्जरी

कोरबा, पेट के दर्द को बार-बार नजरअंदाज करना बड़ी बीमारी की वजह बन सकता है। कई बार ये जानलेवा भी साबित हो सकता है। ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों कोरबा के एनकेएच अस्पताल में सामने आया। अस्पताल की डॉ. ज्योति श्रीवास्तव ने गर्भाशय कैंसर से पीड़ित महिला के पेट की दुर्लभ सर्जरी कर उसके पेट से ट्यूमर निकाला है।
डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार ट्यूमर का आकार एक गर्भस्थ शिशु जैसा था। सर्जरी के बाद मरीज पूर्णतः स्वस्थ है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया कि सबसे गंभीर बात यह है कि मरीज के द्वारा बीमारी की बात सामने आने के बावजूद उसे नजरअंदाज किया जाता रहा। इस वजह से ट्यूमर बढ़ता चला गया और वह नौ माह के भ्रूण के बराबर भारी हो चुका था। मरीज को पेट में दर्द की शिकायत थी। उसे मेनोरेगिया (मासिक धर्म में असामान्य रूप से उच्च रक्तस्राव) के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था।
ट्यूमर लीवर से चिपकने की वजह से ब़ढ़ गया था खतरा
बीमारी के बारे में डॉ. ज्योति श्रीवास्तव को पता चला कि महिला को गर्भाशय के नीचे कई वर्षों से दर्द हो रहा था। उस वक्त इस बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। डॉक्टरों ने जब जांच की तो पता चला कि वह ट्यूमर बढ़कर चार किलोग्राम के आसपास का हो गया था और पेट के कई हिस्सों तक फैल गया था और लीवर से भी चिपका हुआ था। इससे मरीज की जान को खतरा बढ़ गया था। इसलिए उसकी सर्जरी जटिल थी।
तीन घंटे चली सर्जरी

अस्पताल के गायनोकोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कंसल्टेंट डॉ. ज्योति श्रीवास्तव ने बताया कि ट्यूमर रक्त कोशिकाओं से भरा हुआ था। इस वजह से ऑपरेशन के दौरान मरीज को अत्यधिक रक्तस्राव होने का खतरा भी था। इसके अलावा ट्यूमर कैंसर का कारक होने के कारण एक साथ पूरा निकालना जरूरी था। इसलिए पहले लेप्रोस्कोपी तकनीक से एक छोटा छेद कर महत्वपूर्ण अंगों से जुड़े ट्यूमर की रक्त कोशिकाओं को अलग किया गया। इसके बाद ओपन सर्जरी तकनीक से ट्यूमर को निकाल लिया गया। अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अपने घर जा चुकी है। वहीं परिजन स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्योति श्रीवास्तव सहित एनकेएच टीम का आभार जताया है।

Ramesh Verma

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