धोखाधड़ी के आरोपी सागर बजाज की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज की कोर्ट ने

0 पुलिस रिकॉर्ड में फरार है आरोपी, लेकिन घूम रहा खुलेआम
कोरबा , रायपुर के एक कारोबारी से लाखों रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले कोरबा के जालसाज सागर बजाज की अग्रिम जमानत अर्जी न्यायालय ने खारिज कर दी है। जानकारी के अनुसार जालसाज सागर बजाज की ओर से जिला एवं सत्र न्यायालय रायपुर में अग्रिम जमानत की अर्जी पेश की गई थी। न्यायालय ने मामले की सुनवाई के बाद सागर बजाज की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत का आवेदन खारिज कर दिया। सागर बजाज पुलिस रिकॉर्ड में फरार चल रहा है, जबकि सूत्रों के अनुसार बुधवार 19 फरवरी को वह एक सफेदपोश के साथ रायपुर में चार पहिया वाहन में घूमता देखा गया है। बताया जाता है कि एफ आई आर होने के बाद से वह पुलिस रिकॉर्ड में भले ही फरार है, लेकिन कोरबा में खुलेआम घूमता रहा है। उल्लेखनीय है कि जालसाज सागर बजाज ने रायपुर में एक कारोबारी से धोखाधड़ी की है। कोरबा के ठेकेदार इलाईट प्राइवेट कम्पनी के संचालक से चार ट्रक को 2 लाख 50 हजार रूपए प्रतिमाह किराया एग्रीमेंट बनाकर 6 लाख का चेक देकर धोखाधड़ी की है। पैसा मांगने पर गाड़ी वापस नहीं करने की धमकी भी दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार रायपुर अंतर्गत 70 जी. टी. केपीटल होम सडडू निवासी क्षीर सागर ने मोवा थाना जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह निसान इलाईट प्रा. लि. का डायरेक्टर है। 6 माह पूर्व उसको कोरबा के सागर का फोन आया था। जिसमें उसने कम्पनी से चार ट्रक को 2,50,000- रूपये प्रतिमाह की दर से एग्रीमेन्ट कर प्लांट एवं माईन्स, अडानी पावर कठली रायगढ एवं डी बी पावर के लिए, कुसमुण्डा माईन्स मे लगाने का झांसा देकर चेक से एडवांस पेमेंट कर अपने बंधन बैंक खाता शाखा कोरबा के नाम से 4 और 5 लाख का चेक दिया था। जिसे लेकर क्षीर सागर ने कम्पनी से अपने चार ट्रक को सागर बजाज के पास कोरबा रवाना कर दिया। जहां ट्रकों को कुसमुंडा कोल माइंस और प्लांट में चलावाया जा रहा था। क्षीरसागर ने जब सागर बजाज के दिए चेक को बैंक में लगाया तो वह बैंक में अनादरित हो गया। इस पर कम्पनी के सुपरवाइजर चितेश्वर ने सागर को पैसा वापस करने के लिए फोन करने पर सागर ने चितरेश्वर को चेक फाड़ कर वीडियो बनाने को कहा और गाड़ी वापस न करने की धमकी दी। सागर बजाज ने क्षीरसागर को धोखाधड़ी करने के आशय से विश्वास जीतकर मुनाफा कमाने का लालच देकर धोखाधड़ी कर कम्पनी को 20 लाख रूपए का नुकसान पुहंचाया। कम्पनी डायरेक्टर ने इसकी शिकायत रायपुर के पंडरी थाना में दर्ज कराया है। पुलिस ने कोरबा निवासी सागर बजाज के खिलाफ भारतीयन्याय संहिता (बी एन एस) की धारा 316-5, 317-4 एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 482 का प्रकरण दर्ज किया है। सूत्रों के अनुसार सागर बजाज
इससे पहले भी रायपुर करीब एक करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी कर चुका है। उक्त मामले में वह लंबे समय तक
जेल में बंद था। उस समय सागर बजाज अपने पिता वीरू बजाज के साथ परिवार सहित रायपुर में रहता था। जेल से जमानत पर छूटने के बाद पूरा परिवार कोरबा लौट आया था। बताया जाता है कि रायपुर में की गई
धोखाधड़ी के पैसों से परिवार के एक सदस्य के जरिये कोरबा में मोबाइल का बड़ा कारोबार शुरू कर लिया था।
धोखाधड़ी का मामला ठंडा होने के बाद मोबाइल दुकान का कारोबार अपने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद मोबाइल दुकान में सट्टा का मामला पकड़ा गया। लेकिन
इस मामले को एक कर्मचारी के नाम पर बनाकर असलीदोषी को बख्श दिया गया। कुछ महिनों बाद सागर बजाज ने एक नई दुकान शुरू की। करीब एक करोड़ रुपये इसमें
खर्च किया गया। बताते हैं, इसके अलावे एक मकान भी डेढ़ करोड़ रुपये में खरीदा गया। नगर में चर्चा है कि कांग्रेस सरकार के समय कथित रूप से महादेव सट्टा एप के जरिये सागर बजाज और उसके परिवार ने करीब 5 करोड़ रुपयों की अवैध कमाई की थी। सूत्रों का कहना है
कि पुलिस और आयकर विभाग सूक्ष्मता के साथ छानबीन करता है, तो अनेक गंभीर मामलों का खुलासा हो सकता है।






